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राहुल गांधी जी के सोमनाथ मंदिर मे जाने से बीजेपी मे क्यूँ होने लगी टेंशन ?

इन सब का एक बहुत बड़ा कारण है । पहले जनसंघ और अब भाजपा दोनों एक ही सिक्के के तो पहलू हैं क्यूँ की पहले जनसंघ हिंदुओं के लिए कुछ नहीं कर पाया और अब भाजपा कुछ नहीं कर पा रही है । इसके एक नहीं कई सारे उदाहरण है ।  जिस सोमनाथ मंदिर का उदाहरण भाजपा दे रही है । उस सोमनाथ मदिर को काँग्रेस के नेताओं द्वारा काँग्रेस के शासन काल मे ही बनवाया गया । जिस वक़्त सोमनाथ मंदिर बन रहा था उस वक़्त कोई भी जनसंघ का नेता मंदिर के लिए सामने नहीं आया क्यूँ की सोमनाथ मंदिर का मुद्दा संघ के हाथों जा चुका था । काँग्रेस ने मंदिर का निर्माण कराकर जनसंघ के वोटों के धुर्विकरण के लिए धार्मिक भावनाओ को भड़काने का मौका जनसंघ के हाथों से जा चुका था । वहीं काँग्रेस नेताओं ने मंदिर के निर्माण में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और धीरे धीरे जनसंघ की राजनीति खत्म हो गयी। ऐसा ही उदाहरण अयोध्या में राम मंदिर का है । जिस राम मदिर का नाम लेकर पुराना जनसंघ और आज की भाजपा वोटों की खेती करती आ रही है । आपकी जानकारी के लिए बता दूँ उसी राम मंदिर के ताले स्वर्गीय राजीव गांधी जी ने खुलवाए थे । उससे पहले तो न भाजपा ...