दिल्ली में प्रदुषण की समस्या, बचने के उपाय और जरूरी कदम

वर्तमान में प्रदुषण एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में उभरता जा रहा है। मोजूदा "आप" सरकार की नीतियो ने परिस्थिति ओर बिगाड़ दी है।  बढ़े प्रदूषण का स्तर बच्चो ही नहीं बड़ो को भी बहुत परेशान कर देता है। बढ़े हुए प्रदूषण के कारण हवा दिन प्रतिदिन जहरीली होती जा रही है जिसके वजह से लोगो में कई तरह की श्वास संबंधी बीमारियों होने लगी है। इस विषय में सेंटर फोर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSI) का कहना है की यदि जल्द ही इस प्रदूषण पर काबू पाने के उपाय शुरू नहीं किये गए तो हालात अधिक खतरनाक हो सकते है। दिल्ली में प्रदुषण का ये कहर पिछले कुछ सालो से जारी है जबसे "आप" सरकार के अपात्र मंत्री सत्ता मे आये है आपातकालीन स्थिति बनी हुई है।  जिस वजह से दिनचर्या बहुत प्रभावित होने लगा है।


दिल्ली का प्रदुषण बनता जा रहा है खतरा :-
यूँ तो दिल्ली में प्रदूषण का स्तर हमेशा ही बढ़ा रहता है लेकिन इस बार प्रदूषण ने सभी रिकार्ड्स तोड़ दिए है। माना जा रहा है लगभग 17 साल बाद धुंध और प्रदुषण का इतना प्रकोप देखने को मिला है जिसके पीछे कही न कही "आप" सरकार की नीतियो की अनदेखी और मनमर्जी जिम्मेदार है। दिल्ली-एनसीआर में बढ़े इस प्रदुषण का एक कारण पंजाब और हरियाणा के खेतो में खूंटी जलाने से उठने वाला धुँआ भी है लेकिन दिल्ली सरकार पड़ोसी राज्य सरकारो और वोट बैंक के चलते किसी भी तरह का कदम उठाने से कतराती रहती है।

 मेरे विचार से कुछ आसान कदम उठाकर आप भी इस प्रदुषण को कुछ हद तक कम करने में सहायता कर सकते है :-
  • इस दौरान दौड़ और व्यायाम न करें। क्योकि इसमें आपको साँस लेने की जरुरत होती है और प्रदुषण इतना ज्यादा है की आपको इससे भी खतरा हो सकता है।
  • जिस कमरे में आप रहते है उसमे कुछ पौधे रख लें ताकि उसकी हवा स्वच्छ हो सके।
  • घर में झाड़ू न लगाएं इसी जगह पर गीले कपडे का इस्तेमाल करें।
  • अपने घर में किसी भी प्रकार की कोई चीज न जलाएं जिससे धुँआ निकलता है। अगरबत्ती के इस्तेमाल से निकल धुँआ भी आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
  • आवश्यकता पड़ने पर ही घर से बाहर निकले। मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। बच्चो और बुजुर्गो को बाहर की हवा से बचाएं।
  • दिल्ली अपने पडोशी राज्यो के मंत्री से अनुरोध करे की वे अपने राज्यो में खूंटी जलाने पर अंकुश लगाए, क्योकि यह दिल्ली में धुंध के स्तर को बढ़ा रहा है। उन्हे यह भी बताया जाता की, ” दिल्ली में एक आपातकालीन स्थिति है, स्थिति बहुत खराब है, विशेषतौर पर बच्चे, मरीजो, महिलाओ और वृद्धो के लिए।
  • इसके अलावा लोगो से अपील भी की है की वे अपने निजी वाहनों का प्रयोग सिमित कर दें।

अब देखना ये है की क्या दिल्ली के कदम प्रदुषण को नियंत्रित करने में कामयाब होंगे। और कब तक दिल्ली वालो को इसी प्रकार अपने घर में बंद रहकर रहना होगा। दिल्ली में प्रदुषण की समस्या, बचने के उपाय और सरकार द्वारा उठाये गए कदम, प्रदूषण रोकथाम के उपाय, प्रदुषण नियंत्रण के लिए उठाये गए कदम तभी काम आ सकते है जब सरकार इसके रोकथाम के लिए जनता के साथ काम करे। सभी जानते है की काँग्रेस के शासन काल मे ऐसे गंभीर मुद्दो पर गंभीरता के साथ काम किया जाता था। जनता को चाहिए की आने वाले समय मे काँग्रेस को दिल्ली के लिये चुने और हारा भरा दिल्ली बनाये जो आने वाली पीढीयों के लिये दिल्ली को एक आदर्श प्रदेश बनाये।

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